इस बार मां अश्व यानी घोड़े पर आ रही हैं. ज्योतिष के अनुसार मां का घोड़ा पर आना शुभ नहीं है. राज्य में लड़ाई-झगड़ा, विद्रोह
आदि घटनाएं हो सकती हैं. मां की विदाई इस बार भैंस पर होगी, जिससे रोग, शोक, कष्ट आदि घटनाएं हो सकती हैं.
मां की पूजा से पहले नवरात्र पूजा की सफलता हेतु घट स्थापन का नियम है। घट स्थापन हमेशा शुभ मुहूर्त में किया जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस वर्ष शारदीय नवरात्र में घट स्थापना का शुभ समय 8:05 मिनट से सुबह 9 बजे तक रहेगा।
इसके बाद राहुकाल शुरू हो जाएगा जो 10 बजकर तीस मीनट तक रहेगा। इसलिए इस दौरान कलश स्थपन कार्य नहीं किया जा सकता। जो लोग 9 बजे तक घट स्थापन नहीं कर पाते हैं वह 12 बजकर 3 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक अभिजित मुहूर्त में घट बैठा सकते हैं।
दुर्गा शप्तशती में कन्या भोजन के लिए दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याओं को भोजन करने की बात कही गयी है।शास्त्रों में कहा गया है कि नौ कन्याओं को भोजन कराना उत्तम होता है। अगर नौ से अधिक कन्याएं उपलब्ध हों तो इसे सौभाग्य मानकर सहर्ष भोजन कराएं। जो लोग नौ कन्याओं को भोजन नहीं करा सकते हैं उन्हें कम से कम दो कन्याओं को जरूर भोजन करना चाहिए। एक से अधिक जितनी कन्या होगी कन्या भोजन का फल उतना शुभ माना जाता है। जो लोग एक कन्या को भोजन करवाते हैं उन्हें संपूर्ण नवरात्र के दौरान हर दिन एक कन्या को भोजन कराना चाहिए और अंतिम दिन वस्त्र, धन, फल, मिठाई देकर माता से आशीर्वाद लेना चाहिए।
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