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फिर कहर बरपा – चक्रवाती तूफान फेलिन

Lekhani
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12_10_2013-12cnt07
देश में एक बार फिर प्राकृतिक संकट उत्पन्न हो गया और वह भी नवरात्री के अवसर पर ,अब फिर जगह -जगह पृथ्वी पर बढ़ते पाप की दुहाई दी जाएगी l पंडित लोग नवरात्री हवन-पूजन के साथ-साथ देश पर आई विपदा के लिए भी पूजा अर्चना करेंगे l बड़े-बड़े नेता ,अभिनेता व् व्यापारियों द्वारा धनराशी एकत्र की जाएगी तथा मिडिया द्वारा मदद के लिए गुहार लगाई जाएगी लेकिन इससे होना- जाना कुछ नही है क्योंकि हम प्रकृति के साथ खिलवाड़ करना नहीं छोड़ेंगे जिससे प्राकृतिक असंतुलन होगा और ऐसी आपदाएं जन्म लेती रहेंगी l

cyclone साइक्लोन के ऐलर्ट के बाद सभी तटीय इलाकों को खाली कराया जा रहा है।

चक्रवाती तूफान ‘फेलिन’ का नाम थाई शब्द फेलिन से पड़ा, जिसका मतलब होता है ‘सफायर’ यानी ‘नीलम’ का पत्थर। ‘फेलिन’ एशियाई देशों की ओर से भेजे गए चक्रवाती तूफानों के नाम की सूची का फ‌र्स्ट सेट का आखिरी नाम है। यह नाम थाईलैंड की ओर से दिया गया है।
चक्रवातों का नाम देने की परंपरा कुछ समय पहले शुरू हुई ताकि इसकी तुरंत पहचान हो सके और समय रहते राहत-बचाव का कार्य किया जा सका। दिल्ली स्थित मेट्रोलॉजिकल सेंटर चक्रवाती तूफानों को नाम देता है। यह नाम बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका, और थाईलैंड की ओर से प्रस्तावित किए जाते हैं। यह प्रक्रिया अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में आने वाले तूफानों की पहचान के लिए अपनाया जाता है।
<p>मौसम विभाग के अनुसार , दो दिन पहले ( 10 अक्टूबर ) ही तूफान फेलिन का पता चल गया था l यह बंगाल की खाड़ी से उठा था l उस समय चक्रवात कलिंगपट्टनम से 870 किलोमीटर और विशाखापट्टनम से 900 किलोमीटर दूर केंद्रित था और अगले 24 घंटे में यह काफी तीव्र होने की संभावना जताई गयी थी l आईएमडी भुवनेश्वर के निदेशक सरत साहु ने कहा था कि यह 12 अक्तूबर की शाम को कलिंगपट्टनम और पारादीप के बीच ओडिशा तट के गोपालपुर के करीब और उत्तरी आंध्रप्रदेश को 175-185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की हवाओं के साथ पार करेगा’’ और यह प्रचंड रूख अख्तियार कर सकती है।उसी समय गहरे समुद्र में गए मछुआरों को तत्काल तट पर लौटने को कहा गया।ऐसा अनुमान था कि समुद्र में 12 घंटों के बाद कठिन से बेहद कठिन परिस्थितियां रहेंगी।चक्रवात के ओडिशा के तट की ओर बढने के मद्देनज़र राज्य सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया और 14 जिले में कर्मचारियों की दशहरे की छुट्टियां रद्द कर दी गयीं । मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कलेक्टरों से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा। बालेश्वर, भद्रक, मयूरभंज, क्योंझर, ढेंकनाल, जाजपुर, कटक, केन्द्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, पुरी, खुरदा, नयागढ़, गंजम और गजपति जिलों में अलर्ट जारी किया गया है क्योंकि इन जगहों पर 1.5 से 2 मीटर उंचा खगोलीय ज्वार उत्पन्न होने की आशंका जताई गई।11 october को चक्रवात के प्रभाव के कारण ओडिशा के कई इलाकों में आगामी 24 घंटों में भारी वर्षा होने की संभावना थी। चक्रवात ‘फैलिन’ ओडिशा में गोपालपुर के नजदीक पहुंचने से पहले 220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ विराट चक्रवात (सुपर साइक्लोन) में तब्दील होने लगा। साइक्लोन से निपटने के लिए ओडिशा और आंध्र प्रदेश सरकारें व्यापक कदम उठा रही हैं। ओडिशा सरकार ने जीरो कैजुअलिटी टारगेट सेट किया है। जबकि आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों से 64000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। विशेष राहत आयुक्त पीके महापात्र ने कहा, ‘अमेरिकी नौसेना ने पूर्वानुमान व्यक्त किया है कि हवाओं की रफ्तार 240 किलोमीटर प्रति घंटे से ऊपर की होगी। इसलिए, चक्रवात हमारे लिए किसी विराट चक्रवात से कम नहीं है।’महापात्र ने कहा कि भारत
<p>12 अक्टूबर की शाम

चक्रवात फैलिन तूफान ने ओड़िसा में अपना असर दिखाना शुरू कर दिया। फैलिन ओड़िसा के गोपालपुर तट से टकरा चुका है। प्रभावित इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है। हजारों पेड़ धराशाई हो चुके हैं। बिजली नहीं होने से भयानक मंजर फैला है। श्रीकाकुलम ज़िले के कलिंगापट्टनम और बरुवा सहित बीस गाँवों में समुद्री पानी भर गया है।
मौसम विभाग के महानिदेशक एलएस राठौर ने बताया कि गोपालपुर शहर के निकट तूफान ने सबसे पहले रात करीब 9:00 बजे दस्तक दी। उन्होंने कहा कि छह घंटे तक फेलिन का व्यापक असर रहेगा। इस दौरान इसकी गति बढ़ने की भी आशंका है। उसके बाद अगले 12 से 24 घंटों के दौरान पूर्वोत्तर भारत का बड़ा हिस्सा बारिश की चपेट में रह सकता है। बहरहाल, उन्होंने फेलिन को सुपर (सबसे तीव्रता) तूफान मानने से इन्कार किया। उन्होंने कहा कि तूफान के केंद्रीय बिंदु का 15 किलोमीटर है। इसकी रफ्तार 200 किमी प्रति घंटे है जोकि 210 से 220 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है। उनके मुताबिक इस तूफान की तीव्रता का स्तर 6 है जबकि 1999 में ओडिशा में आए सुपर तूफान का स्तर 7 था।
<p>ऐसा बताया जा रहा है कि यह ओडिशा में आने वाला पिछले 14 सालों का सबसे तेज चक्रवाती तूफान होगा। चक्रवात के कारण करीब छह लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इनमें ओड़िशा के साढ़े चार और आंध्र प्रदेश के एक लाख से ज्यादा लोग शामिल हैं। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तनम जिलों के निचले इलाकों में रहने वाले एक लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

<p>इन दोनों राज्यों से हटाए गए ज्यादातर लोगों को विशेष रूप से बनाए गए 500 चक्रवात कैंपों में रखा गया है। हर शिविर में 1500 लोगों को रखे जाने की व्यवस्था है।

<p>मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने शनिवार दोपहर एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, ‘महाचक्रवात की वजह से किसी की जान न जाए, इसके लिए हर संभव उपाय किए गए हैं। हमारी तैयारी अच्छी है। हमने तमाम जरूरी कदम उठाए हैं, इससे ज्यादा हम कुछ नहीं कर सकते हैं।’

उन्होंने बताया कि तटीय जिलों की मछली पकड़ने वाली 22,994 नौकाओं में से केवल 22 नौकाएं वापस तट तक नहीं पहुंची हैं, लेकिन हमें सूचना मिली है कि वह नौकाएं और उन पर सवार मछुआरे सुरक्षित स्थान पर हैं। हम उनकी गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं।’ श्रीकाकुलम जिले में खास तौर से हाई अलर्ट जारी किया गया है क्योंकि वमसाधारा, नागावली और बहुदा नदियां भारी बारिश के कारण उफन सकती हैं।

क्षेत्रफल के मान से यह तूफान इतना बड़ा है कि ये आधे भारत में एक साथ वर्षा कर सकता है।

पश्चिम बंगाल में डिजास्टर मैनेजमेंट और राहत दलों को दीघा, शंकरपुर, कोंताई, मंदरमणि, डायमंड हार्बर और सुंदरबन के कुछ इलाकों में भेजा गया है। मौसम विभाग ने पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, हुगली, बांकुड़ा, वर्धमान और पुरूलिया जिलों में अगले 48 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। इस दौरान कोलकाता में हल्की बारिश हो सकती है।

चक्रवात के सीधे प्रभाव में आने वाले इलाकों में सेना, वायु सेना, नौसेना, सीआरपीएफ और एनडीआरएफ के जवानों को तैनात किया गया है। चक्रवात का केंद्र गोपालपुर के 150 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और परादीप के 260 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में है। चक्रवात के कारण हावड़ा और विशाखापत्तनम के बीच चलने वाली सभी रेलगाड़ियां रद्द कर दी गई हैं। ओड़िशा की तटीय रेखा के इलाकों और आंध्र प्रदेश के तीन तटीय जिलों में एहतियात के तौर पर बिजली आपूर्ति रोक दी गई है।

ओडिशा के अधिकारियों के मुताबिक `फैलिन` तूफान की रफ्तार 1999 में आए चक्रवाती तूफान से ज्यादा है। 1999 में चक्रवाती तूफान से 15 हजार लोग मारे गए थे। ओडिशा के आपदा प्रबंधन मंत्री सूर्य नारायण पात्रा ने कहा कि हम प्रकृति के खिलाफ लड़ रहे हैं। इस बार हमने अच्छी तैयारियां की है। हमने 1999 से बहुत सीख ली है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है। तूफान प्रभावित इलाकों के लिए हमने हेलीकॉप्टर और खाना तैयार रखा है।
इस बार भारतीय मौसम विभाग की तारीफ करना पड़ेगा कि उसने फैलिन जैसे खतरनाक चक्रवाती तूफान का पूर्वानुमान बिलकुल सही लगाया जिसकी वजह से लाखों लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। हालांकि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी लेकिन उम्मीद की जानी चाहिए कि पहले मिली चेतावनी से इस विनाशकारी आपदा का कुछ असर कम किया जा सकेगा

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