Menu
blogid : 15299 postid : 709771

याद आता है वो मस्ती भरा बचपन ( ब्लॉग आमंत्रण – बचपन की यादें )

Lekhani
Lekhani
  • 62 Posts
  • 86 Comments

ऐसा था मेरा बचपन जैसे मस्ती की मालगाड़ी
हर डिब्बे में थी एक नई मजेदार कहानी
किसी में बहती नदिया का कल-कल पानी
तो किसी में अमिया के बगिया की कहानी

ऐसा था मेरा बचपन जैसे मस्ती की मालगाड़ी
सुनी-सुनाई नहीं मेरी अपनी है यह कहानी
खिलखिलाता ऐसा बचपन था सुनो मेरी जुबानी
नानी के गांव में बीते गर्मी की छुट्टियों की है यह कहानी

ऐसा था मेरा बचपन जैसे मस्ती की मालगाड़ी
ज्येष्ठ की दुपहरिया में पेड़ों पर चढ़ लखनि खेलने की है यह कहानी
धूप से लाल आँखों पर नीम के पत्तियों की पट्टी बांधती याद आतीं हैं नानी
चुपके से कच्ची अमिया और खट्टी इमली खाने की है कहानी

ऐसा था मेरा बचपन जैसे मस्ती की मालगाड़ी
बँसवारीके पत्तों की चरमर में छिपने-छिपाने की है यह कहानी
यादों के झरोखों में दिख रही है आज भी कुछ निशाानी
ट्यूबवेल के पानी में छपछपाते बचपन की है यह कहानी

ऐसा था मेरा बचपन जैसे मस्ती की मालगाड़ी
खेत -खलिहानों में भूसे के ढेरों पर कूदने-फाँदनेकी है यह कहानी
नदियों में दुप्पट्टे का जाल बना मछली पकड़ने की थी तरक़ीब मस्तानी
गाय के नए जन्मे बछड़े को देखने के कौतूहल की है यह कहानी

ऐसा था मेरा बचपन जैसे मस्ती की मालगाड़ी
आज सारी बातें बनकर रह गई है बस एक कहानी
अब बच्चों को ऐसी मस्ती नहीं लुभाती
कंप्यूटर और मोबाईल की दुनिया में सिमट गई है सारी कहानी

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply